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आगरा: शैक्षणिक सत्र 2025-26 में प्रवेश की नई संभावनाएं

On: September 9, 2025 8:28 PM
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आगरा

डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया का आरंभ, छात्रों के लिए खुले नए अवसर

आगरा, 9 सितंबर 2025

मुगल साम्राज्य की राजधानी रहे आगरा में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया के साथ ही शहर के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में रौनक लौट आई है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय और इससे संबद्ध कॉलेजों में इस वर्ष प्रवेश की प्रक्रिया में कई नवाचार देखने को मिले हैं।

प्रवेश में पारदर्शिता की नई दिशा

90 वर्षों के गौरवशाली इतिहास वाले डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (पूर्व आगरा विश्वविद्यालय) ने इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। NAAC से A+ ग्रेड प्राप्त इस विश्वविद्यालय की प्रवेश समिति के अध्यक्ष प्रो. डॉ. राम कृष्ण वर्मा ने बताया कि इस वर्ष पहली बार सभी प्रवेश संबंधी जानकारी एक ही मंच पर उपलब्ध कराई गई है।

“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य छात्र को उच्च शिक्षा का अवसर मिले,” डॉ. वर्मा ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष मेधा सूची (Merit List) तैयार करने में आधुनिक तकनीकी माध्यमों का उपयोग किया गया है।

कॉलेजों में बढ़ती चहल-पहल

आगरा कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. सी.के. गौतम ने बताया कि इस वर्ष प्रवेश हेतु आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 15% अधिक है। “शिक्षा को केवल संवेदनहीन दोहराव में डूबने से बचाना हमारा मुख्य उद्देश्य है,” उन्होंने अपने संदेश में कहा।

राजा बलवंत सिंह कॉलेज में भी इसी तरह की स्थिति देखने को मिली है। यहाँ बी.ए., बी.कॉम और बी.एससी के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए छात्रों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। कॉलेज के डीन छात्र कल्याण डॉ. अनिल मिश्रा ने कहा, “हमने छात्रों के लिए काउंसलिंग डेस्क की व्यवस्था की है जहाँ वे अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।”

तकनीकी सुधार और ऑनलाइन सुविधाएं

इस वर्ष सबसे बड़ा बदलाव ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में आया है। पहली बार विश्वविद्यालय ने एक एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है जहाँ छात्र आवेदन से लेकर फीस जमा करने तक की सभी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रमुख डॉ. प्रवीण कुमार सिंह ने बताया, “हमने पोर्टल को अत्यधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाया है। छात्र अपने मोबाइल फोन से भी आसानी से आवेदन कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सिस्टम में 24 घंटे तकनीकी सहायता उपलब्ध है।

कट-ऑफ प्रणाली में नवाचार

इस वर्ष प्रवेश में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव कट-ऑफ प्रणाली में आया है। पहली बार विश्वविद्यालय ने विषयवार कट-ऑफ की घोषणा की है। यह व्यवस्था छात्रों के लिए अधिक लाभकारी साबित हो रही है क्योंकि अब वे अपनी रुचि के अनुसार विषय चुन सकते हैं।

प्रवेश नियंत्रक डॉ. सुधीर कुमार गुप्ता ने स्पष्ट किया कि नई व्यवस्था में सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए अलग-अलग कट-ऑफ निर्धारित की गई है। “हमारा लक्ष्य सभी वर्गों के छात्रों को उच्च शिक्षा का समान अवसर प्रदान करना है।”

छात्रावास सुविधाओं में विस्तार

शहर के बाहर से आने वाले छात्रों के लिए इस वर्ष छात्रावास की सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। विश्वविद्यालय के मुख्य वार्डन डॉ. राजकुमार शर्मा ने बताया कि दो नए छात्रावास भवन इस सत्र से शुरू हो रहे हैं।

आगरा

छात्राओं के लिए विशेष व्यवस्था करते हुए महिला छात्रावास की क्षमता 40% बढ़ाई गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए CCTV कैमरा, बायोमेट्रिक एंट्री सिस्टम और 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड की व्यवस्था की गई है।

स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता

आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए इस वर्ष छात्रवृत्ति योजनाओं में विस्तार किया गया है। विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी श्री महेश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि मेधावी छात्रों के लिए 50% तक फीस माफी की योजना शुरू की गई है।

“गरीबी किसी भी मेधावी छात्र की शिक्षा में बाधक नहीं बननी चाहिए,” उन्होंने कहा। इसके अलावा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत भी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत

इस शैक्षणिक सत्र में कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं जो आधुनिक समय की मांग के अनुकूल हैं। डिजिटल मार्केटिंग, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस जैसे विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं।

कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव ने कहा, “हमारा उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है। इसलिए हमने उन्हीं विषयों को शामिल किया है जिनकी बाजार में मांग है।”

अभिभावकों की भागीदारी

इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया में अभिभावकों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही है। अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों के साथ कॉलेज आकर प्रवेश संबंधी जानकारी ले रहे हैं। श्रीमती सुनीता अग्रवाल, जिनकी बेटी का प्रवेश बी.ए. में हुआ है, कहती हैं, “कॉलेज प्रशासन ने बहुत अच्छी व्यवस्था की है। सब कुछ पारदर्शी और व्यवस्थित है।”

कई अभिभावकों ने कहा कि इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया पिछले वर्षों की तुलना में अधिक सुगम और तनावमुक्त रही है।

रोजगार परक शिक्षा पर जोर

नई शिक्षा नीति के अनुपालन में विश्वविद्यालय ने रोजगारपरक शिक्षा पर विशेष जोर दिया है। प्रत्येक पाठ्यक्रम में प्रैक्टिकल नॉलेज और इंडस्ट्री एक्सपोजर को प्राथमिकता दी गई है।

प्लेसमेंट सेल के प्रमुख डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि इस वर्ष 25 से अधिक कंपनियों के साथ समझौता किया गया है जो छात्रों को इंटर्नशिप और जॉब के अवसर प्रदान करेंगी।

सामाजिक गतिविधियों का महत्व

पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों के संपूर्ण विकास के लिए सामाजिक गतिविधियों को भी प्राथमिकता दी गई है। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए अलग से बजट आवंटित किया गया है।

सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो. डॉ. रवि प्रकाश शुक्ला ने कहा, “हमारा मानना है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए। छात्रों का व्यक्तित्व विकास भी उतना ही महत्वपूर्ण है।”

विदेशी छात्रों का स्वागत

इस वर्ष पहली बार विश्वविद्यालय में विदेशी छात्रों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से आए छात्रों के लिए अलग काउंसलिंग डेस्क और सहायता केंद्र स्थापित किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध विभाग के डॉ. प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि विदेशी छात्रों के लिए हिंदी भाषा सीखने की विशेष कक्षाएं भी आयोजित की जा रही हैं।

पर्यावरण संरक्षण की पहल

नई पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने “हरित परिसर” की पहल शुरू की है। हर छात्र से प्रवेश के समय एक पौधा लगाने की प्रतिबद्धता ली जा रही है।

पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. सुमित्रा देवी ने कहा, “हमारा लक्ष्य आगरा को हरित शहर बनाना है। छात्र इस मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।”

महिला सशक्तिकरण

महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। बेटियों के लिए अतिरिक्त छात्रवृत्ति और सुरक्षा व्यवस्था का प्रावधान किया गया है।

महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. रेखा शर्मा ने बताया कि इस वर्ष कन्या छात्रों का प्रवेश 45% तक पहुंच गया है, जो एक रिकॉर्ड है।

खेल गतिविधियों का विस्तार

छात्रों के शारीरिक विकास के लिए खेल सुविधाओं में व्यापक सुधार किया गया है। नया बास्केटबॉल कोर्ट, अपडेटेड जिम और योग केंद्र स्थापित किए गए हैं।

खेल विभाग के निदेशक श्री राजेश कुमार ने कहा, “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। हमने इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए खेल सुविधाओं को प्राथमिकता दी है।”

भविष्य की योजनाएं

आने वाले वर्षों के लिए विश्वविद्यालय की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। इसमें अनुसंधान केंद्र का विस्तार, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम और डिजिटल लाइब्रेरी का विकास शामिल है।

रजिस्ट्रार डॉ. मनोज कुमार ने कहा, “हमारा सपना है कि आगरा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए। इस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”

निष्कर्ष

शैक्षणिक सत्र 2025-26 आगरा के शैक्षणिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है। प्रवेश प्रक्रिया में आए सुधार, नई तकनीक का उपयोग और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण से यह स्पष्ट होता है कि आगरा का शैक्षणिक भविष्य उज्जवल है।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय और इसके संबद्ध कॉलेजों में हो रहे इन सकारात्मक बदलावों से न केवल आगरा बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिल रही है। यदि यही गति बनी रहे तो आगरा जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित हो जाएगा।

छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों से यह सुनिश्चित हो रहा है कि हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वे अपने सपनों को साकार करने में सफल हों।


यह रिपोर्ट आगरा के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारियों, छात्रों और अभिभावकों के साथ व्यापक बातचीत के आधार पर तैयार की गई है।

Rohit Nirmal

रोहित NewsAgra.com पर नई-नई खबरें और रोचक बातें शेयर करते हैं। उन्हें लिखना और लोगों तक सही जानकारी पहुँचाना पसंद है।

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