आगरा, 30 अगस्त 2025 – ताजमहल की छाया में बसे इस ऐतिहासिक शहर में युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुल रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में आगरा जिले में सरकारी और निजी क्षेत्र में हजारों नौकरियों के अवसर सामने आए हैं, जो स्थानीय युवाओं के लिए एक सुनहरे भविष्य की उम्मीद जगा रहे हैं।
जिला रोजगार कार्यालय के अनुसार, इस साल अब तक आगरा में 7500 से अधिक नई नौकरियों की घोषणा हुई है। इनमें सरकारी विभागों, बैंकों, रेलवे, पुलिस, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र की भर्तियां शामिल हैं। साथ ही निजी कंपनियों में भी रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं।
पर्यटन उद्योग में नई चमक
आगरा का पर्यटन उद्योग कोविड के बाद एक बार फिर से मजबूती से वापसी कर रहा है। ताजमहल और अन्य ऐतिहासिक स्मारकों को देखने आने वाले सैलानियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इसका सीधा फायदा स्थानीय युवाओं को मिल रहा है।
होटल उद्योग में काम करने वाले राकेश शर्मा बताते हैं, “पिछले दो सालों में हमारे होटल में स्टाफ की जरूरत दोगुनी हो गई है। हमने 50 से अधिक नए लोगों को काम दिया है।” ओबेरॉय अमरविलास, होटल ताज रिसॉर्ट्स, डबलट्री बाई हिल्टन आगरा जैसे बड़े होटलों में हाउसकीपिंग, रसोई, रिसेप्शन और मैनेजमेंट के पदों पर भर्तियां हो रही हैं।
गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल का कहना है, “पहले केवल अंग्रेजी जानने वाले गाइड्स को ही काम मिलता था, लेकिन अब हिंदी, उर्दू और स्थानीय भाषा जानने वाले युवाओं की भी मांग बढ़ी है।”
स्किल डेवलपमेंट मिशन का प्रभाव
उत्तर प्रदेश सरकार के स्किल डेवलपमेंट मिशन का आगरा पर गहरा प्रभाव दिख रहा है। 14 से 35 साल की उम्र के युवाओं को उनकी पसंद के ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं, दिव्यांगों और अल्पसंख्यकों को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
जिला कौशल विकास अधिकारी प्रिया सिंह बताती हैं, “हमने पिछले 8 महीनों में 2300 युवाओं को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया है। इनमें से 78 प्रतिशत को रोजगार मिल गया है या वे अपना स्वरोजगार शुरू कर चुके हैं।”
कंप्यूटर ऑपरेटर का कोर्स पूरा करने वाली सुनीता देवी कहती हैं, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि घर बैठे ऑनलाइन काम करके पैसे कमा सकूंगी। अब मैं महीने में 15 हजार रुपए कमा रही हूं।”
आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में उछाल
आगरा में छोटी-बड़ी आईटी कंपनियों का विस्तार हो रहा है। वेब डेवलपमेंट, मोबाइल ऐप डेवलपमेंट, डिजिटल मार्केटिंग और डेटा एंट्री के क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है। कई कंपनियां फ्रेशर्स को भी अच्छे पैकेज पर हायर कर रही हैं।

आगरा के एक स्थानीय सॉफ्टवेयर कंपनी के मालिक अमित वर्मा बताते हैं, “हमें यहां के युवाओं में बहुत प्रतिभा दिखती है। समस्या सिर्फ उचित प्रशिक्षण की है। हमने अपने यहां इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू किया है जहां 6 महीने के बाद अच्छे कैंडिडेट्स को परमानेंट जॉब मिल जाती है।”
बीटेक पास अभिषेक गुप्ता अपना अनुभव साझा करते हैं, “दिल्ली जाने की बजाय मैंने आगरा में ही काम करने का फैसला किया। यहां काम का माहौल अच्छा है और घर के पास रहने का फायदा भी है।”
स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती मांग
आगरा के अस्पतालों में डॉक्टर्स, नर्सों, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी मांग है। निजी अस्पतालों के साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में भी नई भर्तियां हो रही हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. आर.के. सिंह कहते हैं, “हमारे पास नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स के लिए प्लेसमेंट की कोई कमी नहीं है। 90 प्रतिशत से अधिक छात्रों को कोर्स पूरा होते ही नौकरी मिल जाती है।”
शिक्षा क्षेत्र में नए अवसर
आगरा में प्राइवेट स्कूलों और कॉलेजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही कोचिंग सेंटर्स, ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म और स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट्स भी खुल रहे हैं। इससे शिक्षकों, काउंसलर्स और एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ की जरूरत बढ़ी है।
बीएड की डिग्री हासिल करने वाली प्रीति गुप्ता बताती हैं, “मुझे तीन अलग-अलग स्कूलों से जॉब ऑफर मिला। सैलरी भी पहले से बेहतर मिल रही है।”
हस्तशिल्प और पारंपरिक उद्योगों का नवीनीकरण
आगरा अपने संगमरमर की कलाकारी, चमड़े के सामान और कालीन उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। इन पारंपरिक उद्योगों में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से नई नौकरियों के अवसर पैदा हो रहे हैं।
शाहगंज की चमड़ा फैक्ट्री के मालिक राजेश जैन कहते हैं, “अब हमें ऐसे वर्कर्स चाहिए जो मशीनों को चला सकें और कंप्यूटर का भी बेसिक नॉलेज रखते हों। हमने 200 नए लोगों को काम दिया है इस साल।”
बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर की मजबूती
आगरा में नई बैंक ब्रांचेस और एटीएम खुल रहे हैं। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां भी अपना विस्तार कर रही हैं। इससे बैंकिंग एसोसिएट, कैशियर, लोन ऑफिसर और कस्टमर सर्विस एक्जीक्यूटिव के पदों पर भर्तियां हो रही हैं।
चुनौतियां और समाधान
रोजगार के बढ़ते अवसरों के बावजूद कुछ समस्याएं भी हैं। कई युवा अभी भी सरकारी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं और प्राइवेट सेक्टर में काम करने से हिचकिचाते हैं। भाषा की समस्या भी एक बड़ी बाधा है।
जिला रोजगार अधिकारी संदीप कुमार बताते हैं, “हमारी मुख्य चुनौती युवाओं की मानसिकता बदलना है। वे समझ नहीं पा रहे कि अगर वे अपनी स्किल डेवलप करें तो प्राइवेट सेक्टर में भी अच्छी कमाई हो सकती है।”
स्टार्टअप का बढ़ता माहौल
आगरा में छोटे-छोटे स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। खासकर ई-कॉमर्स, फूड डिलीवरी, ट्रैवल और टूरिज्म के क्षेत्र में। युवा उद्यमी अपने आइडिया को व्यावसायिक रूप दे रहे हैं।
24 साल के अनुज गुप्ता ने पिछले साल अपना फूड डिलीवरी स्टार्टअप शुरू किया था। वे कहते हैं, “आगरा में लोकल बिजनेस की बहुत संभावनाएं हैं। अगर सही तरीके से काम करें तो यहां भी अच्छा कमाया जा सकता है।”
सरकारी योजनाओं का लाभ
केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का सीधा फायदा आगरा के युवाओं को मिल रहा है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, मुद्रा लोन, स्टैंड अप इंडिया जैसी स्कीमों से हजारों युवाओं को लाभ मिला है।
युवा उद्यमी सुमित्रा देवी बताती हैं, “मुझे मुद्रा लोन से 2 लाख रुपए मिले थे। मैंने ब्यूटी पार्लर खोला है और अब महीने में 25 हजार रुपए कमा रही हूं।”
महिलाओं के लिए बेहतर अवसर
आगरा में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पहले से कहीं बेहतर हैं। आंगनवाड़ी, आशा वर्कर, शिक्षक, नर्स और कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों पर महिलाओं की भर्ती प्राथमिकता से हो रही है।
आंगनवाड़ी सुपरवाइजर सुनीता पांडे कहती हैं, “अब महिलाएं केवल घर में नहीं बैठतीं। वे पढ़-लिखकर अपना करियर बना रही हैं। हमारे यहां एमए, बीएड वाली महिलाएं आंगनवाड़ी का काम कर रही हैं और अच्छी कमाई भी कर रही हैं।”
यातायात और लॉजिस्टिक्स सेक्टर का विकास
यमुना एक्सप्रेसवे और अन्य राजमार्गों के कारण आगरा एक महत्वपूर्ण ट्रांसपोर्टेशन हब बन गया है। इससे ट्रक ड्राइवर, डिलीवरी बॉय, लॉजिस्टिक्स मैनेजर और वेयरहाउस वर्कर की मांग बढ़ी है।
ई-कॉमर्स कंपनी में काम करने वाले सुरेश कुमार बताते हैं, “कोरोना के बाद ऑनलाइन शॉपिंग बहुत बढ़ गई है। हमारी कंपनी में रोज नए लोगों की जरूरत पड़ती है।”
कृषि आधारित उद्योगों में नवाचार
आगरा के आसपास के इलाकों में आलू, टमाटर और अन्य सब्जियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। अब फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स खुल रही हैं जो कच्चे माल को पैकेज्ड फूड में तब्दील करती हैं।
किसान प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष रामप्रकाश शर्मा कहते हैं, “पहले हमारा आलू दिल्ली जाता था कच्चे रूप में। अब यहीं प्रोसेसिंग यूनिट लगी है। 150 लोगों को काम मिला है।”
शिक्षा में गुणवत्ता और रोजगार
आगरा कॉलेज, दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर प्लेसमेंट मिल रहा है। कॉलेजों में कैरियर काउंसलिंग सेल बनाए गए हैं जो छात्रों को सही दिशा देते हैं।
प्रोफेसर सी.के. गौतम का कहना है, “आज के दौर में सिर्फ डिग्री काफी नहीं है। हमें अपने छात्रों को इंडस्ट्री के हिसाब से तैयार करना पड़ता है।”
युवाओं की बदलती सोच
आगरा के युवाओं में अब एंटरप्रेन्योरशिप की भावना जाग रही है। वे नौकरी के साथ-साथ अपना बिजनेस शुरू करने के बारे में भी सोच रहे हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके वे अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को प्रमोट कर रहे हैं।
25 साल के राहुल अग्रवाल ने अपना ऑनलाइन ट्यूशन प्लेटफॉर्म शुरू किया है। वे कहते हैं, “कोविड के दौरान ऑनलाइन पढ़ाना शुरू किया था। अब 200 से अधिक स्टूडेंट्स हैं और महीने में 40 हजार रुपए कमाता हूं।”
चुनौतियों का सामना
बढ़ते अवसरों के बावजूद कुछ समस्याएं अभी भी हैं। कई युवाओं में अंग्रेजी की कमी है जो उन्हें बेहतर जॉब से वंचित रखती है। कंप्यूटर की बेसिक नॉलेज भी सभी के पास नहीं है।
रोजगार सेवक अजय तिवारी बताते हैं, “सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग अभी भी 9 से 5 वाली नौकरी चाहते हैं। फ्लेक्सिबल टाइमिंग या प्रोजेक्ट बेस्ड काम करने को तैयार नहीं हैं।”
सरकारी पहल और भविष्य की योजनाएं
जिला प्रशासन ने रोजगार मेले का आयोजन बढ़ाया है। हर महीने कम से कम दो रोजगार मेले आयोजित किए जा रहे हैं जहां कंपनियों और जॉब सीकर्स के बीच सीधा संपर्क होता है।
जिलाधिकारी अरुण कुमार ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि इस साल के अंत तक आगरा जिले में बेरोजगारी दर को 5 प्रतिशत से नीचे लाना। इसके लिए हम सभी संभावित कदम उठा रहे हैं।”
आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सही दिशा में काम हो तो आगरा उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख रोजगार हब बन सकता है। पर्यटन, आईटी, हेल्थकेयर और एग्रीकल्चर प्रोसेसिंग में अपार संभावनाएं हैं।
रोजगार विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप सक्सेना कहते हैं, “आगरा की भौगोलिक स्थिति बहुत अच्छी है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से अच्छी कनेक्टिविटी है। अगर युवा अपनी स्किल डेवलप करें तो यहां भी अच्छी कमाई हो सकती है।”
स्थानीय व्यापारी संघ के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल का कहना है, “हम चाहते हैं कि आगरा के युवा यहीं रहकर काम करें। इससे शहर का विकास होगा और परिवार भी साथ रहेंगे।”
निष्कर्ष
आगरा में रोजगार की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। युवाओं को बस अपनी स्किल डेवलप करने की जरूरत है और अवसरों को पहचानने की। सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में काम के अवसर हैं। जरूरत है सिर्फ सही दिशा में कदम बढ़ाने की।
जैसा कि स्थानीय युवा नेता अमन सिंह कहते हैं, “आगरा सिर्फ ताजमहल का शहर नहीं है। यह युवाओं के सपनों का शहर भी बन सकता है। बस जरूरत है मेहनत और सही दिशा की।”